गुरुवार, 30 सितंबर 2010

मधुर नेगी

घनघोर जंगल गहरी काली रात और ऊपर से बारिश व हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में दो नन्हे सहयता के लिए उठे हुए ! ऐसे में एक गाड़ी आ कर रुकी सभी बच्चे की हिमंत पर हैरान , 6 वर्षीय खून से लथपथ नन्हे मधुर नेगी ने गुहार लगाई, मेरे पापा की गाड़ी निचे गिर गई है उन्हें बचा लो ! सुनने वाले सकते में आ गए और फिर हुआ बचाव का काम ! एक मासूम ने अपने पिता को मौत से बचा लिया !
यह घटना पिछले सप्ताह की है जब एक वाहन हिमाचल प्रदेश के नारकंडा बाघी मार्ग पर सरानाला के समीप दुर्घटना में तीन पुश्तों दादी, बहु और पोता का जीवन खामोश हो गया ! मधुर नेगी अपने पिता किशन नेगी, माता नीरज ,दादी शिव दासी और अपने बड़े भाई के साथ नारकंडा से बाघी की ओर जा रहे थे की बारिश और गहरी धुंध के करण उनकी कार सरानाला में दुर्घटना ग्रस्त हो गई !
मधुर नेगी गाड़ी का शीशा टूटने से छिटक कर करीब ५० फूट निचे जा गिरा जबकि अन्य चार लोग गहरी खाई में समां गए! चोटिल होने के बावजूद मधुर ने हिमंत नहीं हारी और रात के लगभग साढ़े आठ बजे अँधेरे, कोहरे , तथा ठण्ड की परवाह किये बिना ही झाड़ियों से उलझते हुए मुख्य मार्ग पर आ कर सहयता के लिए पुकारने लगा तभी नारकंडा की ओर से आ रही गाड़ी में सवार लोगो ने बच्चे को साथ ले कर पुलिस और गाँव के लोगों को इस दुर्घटना की सूचना दी ! मधुर नेगी की इस बहादुरी के कारण ही बचाव कार्य जल्दी शुरू हो पाया ! मधुर नेगी के इस अद्मय साहस को सलाम !

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