शनिवार, 18 अप्रैल 2009

समय


समय बितता जा रहा है ! इस क्षण भंगुर जीवन में कुछा एसा कर जाएँ की लोग हमारे अच्छे कामों के लिए तो याद करें ! आओ कुछ अच्छा और सार्थक सोंचें !

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